कर्नाटक हाईकोर्ट ने 2023 के चुनावी भाषण को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ दर्ज एफआईआर खारिज की

न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने यह देखते हुए प्राथमिकी रद्द कर दी कि मामले में कोई अपराध नहीं बनता।
Karnataka High Court and JP Nadda
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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ पिछले साल कर्नाटक के हावेरी जिले में एक चुनावी रैली के दौरान अनुचित प्रभाव डालने के प्रयास के आरोपों पर दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) को रद्द कर दिया।

न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने यह देखते हुए एफआईआर को रद्द कर दिया कि मामले में कोई अपराध नहीं बनता।

नड्डा के वकील ने तर्क दिया कि यदि न्यायालय उक्त चुनावी रैली में नड्डा द्वारा की गई कथित टिप्पणियों की जांच करे, तो उसे पता चलेगा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 171सी (चुनावों पर अनुचित प्रभाव डालना) और धारा 171एफ (चुनावों पर अनुचित प्रभाव डालने के लिए दंड) के तहत कोई अपराध नहीं बनता।

Justice M Nagaprasanna
Justice M Nagaprasanna

वकील ने तर्क दिया, “उन्होंने (नड्डा) कहा, 'कर्नाटक में बीजेपी की गंगा बहती रहेगी। मैं आपसे वोट मांगने आया हूं। 'मोदी जी के आशीर्वाद से वंचित न रहें'। वह केवल जनता से अपनी पार्टी के लिए वोट करने का आग्रह कर रहे थे। किसी भी अनुचित प्रभाव का कोई सवाल ही नहीं है। मामले में कुछ भी नहीं है.''

न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि भाषण में कुछ भी नहीं था और “मामले में कुछ भी नहीं है।”

अदालत ने तदनुसार एफआईआर को रद्द कर दिया।

भाजपा पार्टी प्रमुख के खिलाफ एफआईआर 19 अप्रैल, 2023 को शिगगांव तालुक के खेल के मैदान में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नड्डा द्वारा दिए गए भाषण के बाद दर्ज की गई थी।

इस मामले में शिकायतकर्ता चुनाव अधिकारी लक्ष्मण नंदी ने आरोप लगाया था कि नड्डा ने मतदाताओं को धमकाया था और कहा था कि अगर वे भाजपा का समर्थन नहीं करते हैं, तो उन्हें केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता से वंचित कर दिया जाएगा।

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Karnataka High Court quashes FIR against BJP President JP Nadda for 2023 election speech

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