बंबई उच्च न्यायलाय ने सूचित किया है कि अभिनेत्री कंगना रनौत की संपत्ति के हिस्से गिराने की बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ इस अभिनेत्री की दलीलें कल सुनेगी। बीएमसी ने कंगना द्वारा इस संपत्ति में कथित गैरकानूनी बदलाव का हवाला देते हुये इसके कुछ हिस्से गिरा दिये थे।
न्यायालय को 10 सितंबर को बताया गया था कि पहली बार जब तक इस मामले की सुनवाई कर पाता और इससे पहले कि वह संपत्ति गिराने पर रोक लगाने का आदेश जारी कर पाता, इस संपत्ति का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा गिराया जा चुका था।
न्यायमूर्ति एसजे काथावाला और न्यायमूर्ति आरआई छागला की पीठ के समक्ष यह मामला आज सवेरे सूचीबद्ध था और इसने शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत, जिन्होंने कहते हैं कि कंगना रनौत के बारे में तल्ख टिप्पणियां की थीं और संपत्ति गिराने का आदेश देने वाले बीएमसी के कार्यकारी अभियंता को इसमें पक्षकार बनाने की अनुमति दी।
न्यायालय ने कल इस तथ्य का संज्ञान लिया था कि याचिकाकर्ता ने राउत के बयान वाली एक डीवीडी को दाखिल किया गया है। उसने कहा था कि ऐसी स्थिति में राउत को भी अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाना चाहिए।
राउत की ओर से अधिवक्ता प्रदीप थोरट ने आज न्यायालय से जवाब दाखिल करने के लिये समय मांगा। उन्होंने कहा कि राउत संसद सदस्य हैं और इस समय वह दिल्ली में हैं।
न्यायालय ने इस कथन को ध्यान में रखते हुये राउत को जवाब दाखिल करने के लिये कुछ समय दिया लेकिन इस मामले को कल अपराह्न तीन बजे सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया।
न्यायालय ने कहा कि वह याचिकाकर्ता की दलीलें कल सुनेगी लेकिन साथ ही उसने इस मामले की इससे आगे स्थगित करने के बीएमसी के अनुरोध को ठुकरा दिया। न्यायालय ने मौखिक ही टिप्पणी कि रनौत की संपत्ति को आधी गिराई गई हालत में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
न्यायालय ने कहा,
‘‘हम ध्वस्त किये गये मकान को इस हालत में नहीं रहने दे सकते। हम याचिकाकर्ता की दलीलें कल सुनना शुरू करेंगे। आपको और समय चाहिए परंतु दूसरे मामलों में आप बहुत तेज हैं।’’
पीठ यद्यपि कंगना रनौत की याचिका पर कल अपराह्न सुनवाई करेगी लेकिन उसने निर्देश दिया है कि राउत और बीएमसी के कार्यकारी अभियंता (जिन्हें व्यक्तिगत रूप से पक्षकार बनाया गया है) सुनवाई के लिये अपनी बारी आने से पहले हलफनामे दाखिल कर सकते हैं।
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