न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को खुली अदालत में कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुनवाई की सुविधा के लिए सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों के आवासों को 1000 एमबीपीएस की गति के साथ इंटरनेट से लैस किया गया है।
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि शीर्ष अदालत ने आभासी सुनवाई की मेजबानी के लिए एक नए मंच के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं और बोलियों का मूल्यांकन करने के बाद निविदा जारी की गई है।
उन्होने कहा, "हमने अदालत की सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के विकल्प पर विचार करने के लिए पक्षों को आमंत्रित किया। तकनीकी समिति ने बोलियों का मूल्यांकन किया। टेंडर पहले ही दिया जा चुका है। यह अब जल्द ही शुरू होगा और हम सब कुछ उन्हें सौंप देंगे।"
जज ने कहा कि नए सॉफ्टवेयर में वकील को म्यूट करने का विकल्प होगा।
यह वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा द्वारा इंगित किए जाने के बाद था कि कई बार सुनवाई बाधित हो जाती है।
ई-समिति के प्रमुख जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "इस नए सॉफ्टवेयर में हमारे पास वकील को म्यूट करने का विकल्प होगा।"
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय करने के लिए उच्च न्यायालयों पर छोड़ दिया है कि वे किस मंच को अपनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "स्थानीय मुद्दों के आधार पर, हमने मुख्य न्यायाधीशों पर छोड़ दिया है कि वे उन मुख्य न्यायाधीशों के उच्च न्यायालयों के तरीके अपनाएं। यह लिंक के लिए अदालत पर दबाव पर भी निर्भर करता है।"
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