सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष द्वारा कलकत्ता उच्च न्यायालय की टिप्पणियों के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें अस्पताल में 31 वर्षीय रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हाल ही में हुए बलात्कार और हत्या से जोड़ा गया था। [संदीप घोष बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य]
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने आज कहा कि संभावित आरोपी के तौर पर डॉ. घोष को उस जनहित याचिका में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है, जिसमें हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणियां की थीं।
शीर्ष अदालत ने कहा, "जब यह घटना हुई थी, तब आप कॉलेज के प्रिंसिपल थे। हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार या अपराध पर कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन एक आरोपी के तौर पर आपको जनहित याचिका में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।"
चुनौती के तहत ये टिप्पणियां उच्च न्यायालय द्वारा 23 अगस्त को संस्थान में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को आदेश देते हुए की गई थीं।
उच्च न्यायालय का आदेश आरजी कर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली द्वारा दायर जनहित याचिका पर पारित किया गया था, जिसमें डॉ. घोष द्वारा गंभीर अवैधानिकताएं किए जाने का आरोप लगाया गया था।
इसके कारण डॉ. घोष ने शीर्ष न्यायालय में अपील की।
घोष की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि डॉ. घोष को बलात्कार और हत्या से जोड़ना न्याय का मजाक है।
उन्होंने कहा, "पैरा 15 में की गई टिप्पणियों से मैं बहुत व्यथित हूं। वित्तीय अनियमितता का आरोप है, लेकिन सीबीआई द्वारा मुझे आरजी कर बलात्कार और हत्या से जोड़ना न्याय का बहुत बड़ा मजाक है।"
सीजेआई ने टिप्पणी की, "इस जनहित याचिका में हस्तक्षेप करने का आपका कोई अधिकार नहीं है।"
न्यायालय ने अंततः याचिका खारिज कर दी।
आरजी कर कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. घोष ने बलात्कार और हत्या के समय आक्रोश के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था।
हालांकि, उन्हें तुरंत राज्य द्वारा दूसरे कॉलेज, कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रिंसिपल के रूप में फिर से नियुक्त किया गया।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी और डॉ. घोष की फिर से नियुक्ति के लिए राज्य को फटकार लगाई थी।
इसके बाद, डॉ. घोष ने लंबी छुट्टी पर जाने का फैसला किया।
बाद में उच्च न्यायालय ने कॉलेज के पूर्व उप अधीक्षक अख्तर अली द्वारा दायर जनहित याचिका पर कॉलेज में कथित वित्तीय अनियमितताओं की सीबीआई जांच का आदेश दिया।
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RG Kar case: Supreme Court rejects plea by ex-principal against Calcutta High Court observations