सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी मामले में स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें किसानों के एक समूह सहित आठ लोगों की हत्या हुई थी। (RE- VIOLENCE IN LAKHIMPUR KHERI (UP) LEADING TO LOSS OF LIFE).
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की खंडपीठ कल इस मामले की सुनवाई करेगी।
हिंसा के मद्देनजर, उत्तर प्रदेश के दो वकीलों ने CJI एनवी रमना को एक पत्र लिखकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग की थी।
अपने पत्र में, अधिवक्ता शिवकुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के साथ-साथ घटना में शामिल दोषी पक्षों को सजा सुनिश्चित करने का निर्देश देने की भी मांग की।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और कई अन्य लोगों के खिलाफ लखीमपुर हिंसा के सिलसिले में पहले ही प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। किसानों के विरोध के दौरान रविवार को आठ लोगों की मौत हो गई; मृतकों में चार भाजपा कार्यकर्ताओं के काफिले का हिस्सा थे, जिनकी कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी, जबकि अन्य चार किसान थे।
किसान नेताओं ने दावा किया है कि मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा उन कारों में से एक में था, जिसने कुछ प्रदर्शनकारियों को टक्कर मार दी और भाग गया।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें
[BREAKING] Supreme Court takes suo motu cognisance of Lakhimpur Kheri violence