बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा: एलएलबी के लिए आरटीई अधिनियम को अनिवार्य विषय बनाने के अनुरोध की जांच करेंगे

बीसीआई ने एलएलबी पाठ्यक्रमों में आरटीई अधिनियम को अनिवार्य करने की मांग वाली एक जनहित याचिका के जवाब में यह बयान दिया।
Bar Council of India
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बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि यह देश भर के सभी लॉ स्कूलों में एलएलबी के लिए बच्चों के मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 (आरटीई अधिनियम) को अनिवार्य विषय बनाने की मांग वाले प्रतिनिधित्व पर गौर करेगा और निर्णय करेगा।

बीसीआई की ओर से पेश वकील ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ के समक्ष बयान दिया।

बयान दर्ज करने के बाद पीठ ने उक्त राहत की मांग वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) का निस्तारण कर दिया।

याचिका अधिवक्ता अशोक अग्रवाल और कुमार उत्कर्ष के माध्यम से सोशल ज्यूरिस्ट नाम के एक संगठन द्वारा दायर की गई थी।

इसमें कहा गया है कि भले ही आरटीई अधिनियम बहुत पहले लागू हो गया था लेकिन शायद ही किसी छात्र, वकील या न्यायाधीश को इसके प्रावधानों के बारे में पता हो।

याचिकाकर्ता संगठन ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर बीसीआई के साथ-साथ कई अन्य प्राधिकरणों को भी प्रतिनिधित्व दिया है लेकिन इस मामले पर फैसला होना बाकी है।

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Will examine request to make RTE Act compulsory subject for LLB: Bar Council of India to Delhi High Court

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