आरजी कर बलात्कार और हत्या: कोलकाता की अदालत ने पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष पर सीबीआई झूठ डिटेक्टर परीक्षण की अनुमति दी

सीबीआई के अनुसार, घोष और अन्य डॉक्टरों (मृतक के सहकर्मी) ने अपराध को छिपाने की कोशिश की और हो सकता है कि अपराध स्थल और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की गई हो।
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कोलकाता की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में डॉ. संदीप कुमार घोष और चार अन्य का झूठ डिटेक्टर परीक्षण करने की अनुमति दे दी।

सीबीआई ने अदालत में यह आरोप लगाते हुए याचिका दायर की कि उसे संदेह है कि सभी पांच व्यक्ति मामले के बारे में पूरी जानकारी या तथ्य नहीं दे रहे हैं।

सीबीआई के अनुसार, घोष और अन्य डॉक्टरों (मृतक पीड़िता के सहकर्मी) ने अपराध को छिपाने की कोशिश की और हो सकता है कि अपराध स्थल और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की गई हो।

यह मामला आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से जुड़ा है।

इस घटना से देश भर में आक्रोश फैल गया और अंततः कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को इस्तीफा देना पड़ा, उन पर आरोप है कि उन्होंने पीड़िता को दोषी ठहराने और उसकी मौत को मनोविकृति से जोड़ने की कोशिश की।

कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा जांच को केंद्रीय एजेंसी को सौंपे जाने के बाद इस मामले की जांच वर्तमान में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है।

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RG Kar rape and murder: Kolkata court allows CBI lie detector test on ex-principal Dr. Sandip Ghosh

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