दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट से 17 फरवरी तक देशद्रोह मामले में शरजील इमाम की वैधानिक जमानत पर फैसला करने को कहा

सीएए और एनआरसी के खिलाफ एएमयू और जामिया इलाके में अपने भाषणों के लिए दर्ज इमाम जनवरी 2020 से जेल में हैं।
Sharjeel Imam and Delhi High Court
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को निचली अदालत को आदेश दिया कि वह राजद्रोह के मामले में शरजील इमाम की वैधानिक जमानत याचिका पर 17 फरवरी तक फैसला करे।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।

यह इमाम का मामला है कि वह सात साल की अधिकतम सजा में से चार साल जेल में बिता चुका है और इसलिए वैधानिक जमानत के लिए पात्र है।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ''हम निचली अदालत को निर्देश देते हैं कि वह सुनवाई की अगली तारीख (सात फरवरी) से 10 दिन के भीतर इस पर फैसला सुनाए

पीठ ने कहा कि अगर इमाम को जमानत देने से इनकार किया जाता है तो वह उच्च न्यायालय में नई अपील दायर कर सकता है।

यह मामला नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में इमाम द्वारा दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है।

उन्हें इस मामले में 28 जनवरी, 2020 को गिरफ्तार किया गया था।

जुलाई 2022 में ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में अंतरिम जमानत की उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

मामले में उनके खिलाफ राजद्रोह और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के आरोप तय करने के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका पर उच्च न्यायालय 8 मार्च को सुनवाई करेगा।

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Delhi High Court asks trial court to decide Sharjeel Imam statutory bail in Sedition case by February 17

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