
केरल उच्च न्यायालय ने गुरुवार को ग्रीष्मा द्वारा दायर अपील पर केरल राज्य को नोटिस जारी किया। ग्रीष्मा को 23 वर्षीय तिरुवनंतपुरम निवासी शेरोन राज की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई है। [ग्रीष्मा @ श्रीकुट्टी एवं अन्य बनाम केरल राज्य]
दोषसिद्धि और मृत्युदंड को चुनौती देने वाली उनकी अपील पर न्यायमूर्ति पीबी सुरेश कुमार और जोबिन सेबेस्टियन की पीठ ने सुनवाई की।
पीठ ने उनकी दोषसिद्धि और मृत्युदंड को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य से जवाब मांगा और राज्य को उनकी मृत्युदंड को निलंबित करने के लिए दायर आवेदन पर जवाब देने का भी निर्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने ग्रीष्मा के चाचा निर्मला कुमारन नायर की तीन साल की जेल की सजा को निलंबित कर दिया, जो इस मामले में सह-आरोपी हैं।
ग्रीष्मा, जो मृतक शेरोन राज की प्रेमिका थी, को जहर देकर उसे मारने का दोषी पाया गया क्योंकि वह रिश्ता खत्म करना चाहती थी।
17 जनवरी को नेय्याट्टिनकारा के अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एएम बशीर ने उसे दोषी ठहराया और मौत की सजा सुनाई। घटना में भूमिका निभाने के लिए उसके चाचा निर्मला कुमारन नायर को तीन साल कैद की सजा सुनाई गई।
ग्रीष्मा को आईपीसी की धारा 364 (अपहरण या हत्या के लिए अपहरण), 328 (जहर देकर चोट पहुंचाना), 302 (हत्या के लिए सजा) और 201 (साक्ष्यों को गायब करना) के तहत दोषी पाया गया।
उसके चाचा को धारा 201 (साक्ष्यों को गायब करना) के तहत दोषी पाया गया, जबकि उसकी मां को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।
ग्रीष्मा और उसके चाचा दोनों ने अब अपनी सजा और सजा को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
अपने 588 पन्नों के फैसले में जज बशीर ने ग्रीष्मा की ओर से की गई पूर्व-योजना, शेरोन को जहर देने के उसके पहले असफल प्रयास और उसे जहर देने के उसके फैसले पर विशेष ध्यान दिया, जिसके बारे में उसे कथित तौर पर पता था कि इससे उसकी दर्दनाक मौत हो जाएगी। इन सभी कारकों के कारण जज इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि उसे कारावास से नहीं सुधारा जा सकता।
ग्रीष्मा को मौत की सजा सुनाते हुए जज ने कहा, "दोषी के दिमाग में 'शैतानी विचार' थे, क्योंकि केवल चालाक और क्रूर अपराधी ही अपराध को दोहरा सकता है। ऐसे व्यक्ति को सुधारा नहीं जा सकता। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अगर वह समाज में घुलमिल गई तो वह किसी और रिश्ते में फिर से जहर नहीं घोलेगी।"
बीएससी रेडियोलॉजी के अंतिम वर्ष के छात्र शेरोन राज की मुलाकात कन्याकुमारी के एक निजी कॉलेज में पढ़ने के दौरान साहित्य की छात्रा ग्रीष्मा से हुई थी। कथित तौर पर तनाव पैदा होने से पहले दोनों ने एक साल से अधिक समय तक रोमांटिक संबंध बनाए रखा।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि ग्रीष्मा, अपने परिवार द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति से उसकी शादी तय करने के बाद रिश्ता खत्म करना चाहती थी, इसलिए उसने अपनी मां और चाचा के साथ मिलकर शेरोन की हत्या की साजिश रची।
14 अक्टूबर, 2022 को शेरोन ग्रीष्मा से मिलने उसके घर गया, जहाँ उसने कथित तौर पर उसे ज़हर मिला हुआ आयुर्वेदिक टॉनिक दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार ग्रीष्मा, उसकी माँ और चाचा ने सबूत मिटाने के लिए ज़हर की बोतल छिपा दी। कुछ ही दिनों में शेरोन की तबीयत तेज़ी से बिगड़ने लगी और 25 अक्टूबर को उसके कई अंग काम करना बंद कर चुके थे।
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