सुप्रीम कोर्ट महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने की मांग करने वाली पहलवानों की याचिका पर सुनवाई के लिए मंगलवार को सहमत हो गया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी की कि पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं और शीर्ष अदालत द्वारा विचार किए जाने की आवश्यकता है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, "भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहलवानों की याचिका में गंभीर आरोप लगाए गए हैं और उनका यौन उत्पीड़न किया गया है। इस मामले पर इस अदालत द्वारा विचार किए जाने की आवश्यकता है।"
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा मामले का उल्लेख किए जाने के बाद यह कहा गया था कि जीवित बचे लोगों में एक नाबालिग भी शामिल है।
सिब्बल ने कहा, "ये महिला पहलवान हैं। सात ऐसी हैं जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है। समिति की एक रिपोर्ट है जिसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है।"
उन्होंने कहा, "कृपया नाबालिग की आखिरी शिकायत देखें..युवा लड़की ने स्वर्ण पदक जीता था।"
पीठ ने मामले को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताने से पहले दस्तावेजों की जांच की।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हैं
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें