सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता के शिवकुमार द्वारा कांग्रेस विधायक एनए हारिस के राज्य विधानसभा में निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने से इनकार कर दिया गया था। [एनए हारिस बनाम के शिवकुमार एवं अन्य]
न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और कहा कि सभी मुद्दे उच्च न्यायालय के समक्ष उठाए जा सकते हैं।
भाजपा नेता बेंगलुरु के शांति नगर निर्वाचन क्षेत्र से 2023 कर्नाटक विधानसभा चुनाव लड़ते हुए हारिस से हार गए थे।
हाईकोर्ट ने 12 फरवरी को मामले को शुरू में ही खारिज करने के बजाय सुनवाई जारी रखने का फैसला किया था। ऐसा करते हुए, न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज ने हारिस द्वारा दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया।
शिवकुमार ने तर्क दिया कि रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा हारिस के नामांकन पत्रों को स्वीकार करना अवैध था क्योंकि दस्तावेजों में झूठी घोषणाएं थीं।
कांग्रेस नेता ने दावों का खंडन किया और कहा कि इस आरोप का कोई सबूत पेश नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने तर्क दिया था कि इस तरह की कथित झूठी घोषणाओं ने चुनाव परिणामों को कैसे प्रभावित किया है, यह दिखाने के लिए कोई सबूत आवश्यक नहीं था।
इसके कारण हारिस ने शीर्ष अदालत के समक्ष तत्काल अपील की।
आज शीर्ष अदालत के समक्ष हारिस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए। शिवकुमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार पेश हुए।
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Supreme Court refuses relief to Congress MLA NA Haris in election case