सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस आधार पर छह साल की अवधि के लिए कोई भी चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी कि उन्होंने मौजूदा लोकसभा चुनावों के दौरान "भगवान और पूजा स्थल" के नाम पर वोट मांगे थे। [फातिमा बनाम भारत निर्वाचन आयोग और अन्य]।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने याचिकाकर्ता से शिकायत के साथ संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने को कहा।
कोर्ट ने कहा, "क्या आपने अधिकारियों से संपर्क किया है। परमादेश के लिए आपको पहले अधिकारियों से संपर्क करना होगा।"
इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने का फैसला किया।
कोर्ट ने कहा, "वापस ले लिया गया मानकर खारिज किया जाता है। हम संपर्क करने आदि की कोई आजादी नहीं देंगे। यह आपका काम है।"
फातिमा नामक व्यक्ति की याचिका में धर्म के नाम पर वोट मांगकर आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का कथित उल्लंघन करने के लिए मोदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि पीएम मोदी ने मतदाताओं से "हिंदू देवी-देवताओं और हिंदू पूजा स्थलों" के नाम पर भाजपा को वोट देने की अपील की।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी हाल ही में एक वकील आनंद एस जोंधले की इसी तरह की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
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Supreme Court refuses to entertain plea seeking 6-year poll ban on PM Narendra Modi