सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जुबैर के खिलाफ "दुष्चक्र", 20 जुलाई तक यूपी पुलिस की 5 FIR में कोई "जल्दी कार्रवाई" नहीं करने का आदेश

पीठ ने पहले उन्हें यूपी के सीतापुर में दर्ज प्राथमिकी में अंतरिम जमानत दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जुबैर के खिलाफ "दुष्चक्र", 20 जुलाई तक यूपी पुलिस की 5 FIR में कोई "जल्दी कार्रवाई" नहीं करने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया कि ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस (यूपी पुलिस) द्वारा दर्ज की गई 5 पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में उनके खिलाफ कोई "प्रारंभिक कार्रवाई" नहीं की जाए।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा सीतापुर में दर्ज एक मामले में उन्हें जमानत दिए जाने के बाद से पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई का दुष्चक्र चल रहा है।

पीठ ने निर्देश दिया, "हम रजिस्ट्री को इस मामले को 20 जुलाई, 2022 को सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हैं। इस बीच इस अदालत की अनुमति के बिना 5 प्राथमिकी में से किसी के संबंध में याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई प्रारंभिक कदम नहीं उठाया जाएगा। नोटिस जारी करें। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से अनुरोध है कि इस मामले में कोर्ट की मदद करें।"

आज पारित आदेश का अर्थ यह होगा कि रिमांड, पेशी आदि की मांग करने वाली पुलिस की ओर से आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

हालांकि, जुबैर जो पहले से ही न्यायिक हिरासत में है, जेल में ही रहेगा क्योंकि अभी तक कोई जमानत नहीं दी गई है।

पीठ ने इससे पहले सीतापुर में दर्ज प्राथमिकी में उन्हें अंतरिम जमानत दी थी।

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Supreme Court says "vicious cycle" against Mohammed Zubair, orders no "precipitative action" in 5 UP Police FIRs till July 20

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