
केरल उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीश, न्यायमूर्ति अनिल के. नरेन्द्रन, न्यायमूर्ति जी. गिरीश और न्यायमूर्ति पी.जी. अजितकुमार तथा उनके परिवार 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से बाल-बाल बच गए थे, क्योंकि वे आतंकवादियों के हमले से कुछ घंटे पहले ही वहां से निकल गए थे।
द हिंदू के अनुसार, 22 अप्रैल की दोपहर को आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले से कुछ घंटे पहले ही यह समूह वहां से चला गया था। इस हमले में 28 लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
जज और उनके परिवार 17 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे और अगले दिन कई जिलों और लोकप्रिय पर्यटन स्थलों का दौरा किया। उनके कार्यक्रम में पहलगाम में रुकना भी शामिल था, जहां वे 21 अप्रैल को रुके और विभिन्न स्थानीय आकर्षणों का दौरा किया।
जज और उनके परिवार 22 अप्रैल को सुबह करीब 9:30 बजे पहलगाम से निकले और श्रीनगर के लिए रवाना हुए, जो करीब 90 किलोमीटर दूर है।
वे उस दिन बाद में पहलगाम में हुए हमले से कुछ घंटे पहले दोपहर तक श्रीनगर पहुंच गए थे।
यह खबर कि हमले के समय जज इस क्षेत्र में थे, कानूनी हलकों में चिंता का विषय बन गई।
हालांकि, बाद में पुष्टि की गई कि वे पहले ही पहलगाम से निकल चुके थे और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा था।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
Three Kerala High Court judges escape Pahalgam terror attack by a whisker