मुंबई पुलिस की अपराध शाखा द्वारा टीआरपी रैकेट का भंडाफोड़ करने के बाद पुलिस ने फक्त मराठी और बाक्स सिनेमा के मालिकों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को संदेह है कि इस रैकेट में एक सौ करोड़ रूपए से ज्यादा रकम संलिप्त है।
मुंबई के पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह की प्रेस कांफ्रेंस
मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने घोषणा की कि बोरिवली के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने मराठी चैनल के मालिकों को नौ अक्ट्रबर तक के लिये पुलिस हिरासत में दिया है।
उन्होंने कहा कि चैनल मालिकों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 409 (विश्वासघात) और धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी) के तहत आरोप लगाये गये हैं।
सिंह ने मीडिया को बताया कि मुंबई पुलिस इस समय उस राशि की जांच कर रही है जो टीआरपी रेटिंग्स में हेरा फेरी के लिये ली गयी थी।
इसी जांच के आधार पर वे इसके साथ ही विज्ञापनदाताओं की भी जांच यह पता करने के लिये करेंगे कि क्या वे अपराध की साजिश करने या अपराध के शिकार व्यक्ति तो नहीं है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के तहत ब्राडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउन्सिल (बार्क) संगठन बैरोमीटर की सहायता से टीआरपी का आकलन करता है।
ये बैरोमीटर हंसा रिसर्च गुप नाम की कंपनी लगाती है। इन बैरोमीटर के लगे होने की स्थिति के आंकड़े गोपनीय हैं और बार्क के अलावा हंसा को इसकी जानकारी होती है।
अपराध शाखा को पता चला कि हंसा के कुछ कर्मचारी कुछ विशेष चैनलों को ही देखने के लिये लोगों को पैसा देकर ‘सैपलिंग मीटरिग सेवाओं’ में हेराफेरी कर रहे हैं। अपराध शाखा ने इस सिलसिले में विशाल वेद भंडारी नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया जिसने बताया कि वह धन देकर मीडिया चैनलों की टीआरपी बढ़ाया करता था।
पूछताछ के दौरान इन मकान मालिकों ने स्वीकार किया कि उन्हें एक चैनल के लिये अपना टीवी विशेष चालू रखने के लिये पैसा मिला, जबकि वे इसे देखना नहीं चाहते थे।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पुलिस आयुक्त ने जांच के स्वरूप की जानकारी दी।
रिपब्लिक टीवी का जवाब
रिपब्लिक टीवी ने अपनी पोस्ट में दावा किया कि प्राथमिकी में चैनल नामजद नहीं है और इसमें सिर्फ इंडिया टुडे का ही नाम है। सवाल यह है कि इसमें रिपब्लिक टीवी को क्यों घसीटा गया?
प्राथमिकी, जो 6 अक्टूबर, 2020 को दर्ज हुयी थी, के अवलोकन पर पता चला कि शिकायत में इंडिया टुडे चैनल और अन्य मीडिया कंपनियों का नाम है। मुंबई पुलिस द्वारा 6 अक्टूबर को दर्ज शिकायत में रिपब्लिक टीवी का नाम ही नहीं है।
रिपब्लिक टीवी की जांच क्यों हो रही है जबकि प्राथमिकी में इंडिया टुडे का नाम है?
मुंबई पुलिस ने 7 अक्टूबर को बार्क को नोटिस जारी किया जिसमे उसने कहा कि विशाल वेद भंडारी, जिसे गिरफ्तार किया गया है, का दावा है कि उसने पैसों की खातिर रिपब्लिक टीवी देखने के लिये बैरोमीटर में हेराफेरी की। मुंबई पुलिस के अनुसार इसी वजह से रिपब्लिक टीवी की जांच हो रही है।
हालांकि, प्राथिमकी में सिर्फ इंडिया टुडे और रिपब्लिक टीवी के नाम के जिक्र के बगैर ही अन्य मीडिया कंपनियां लिखा है।
रिपब्लिक टीवी का नाम दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के तहत बार्क को दी गयी नोटिस में ही है जिसमें रिपब्लिक टीवी के बारे में जानकारी मांगी गयी है।
मुंबई पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ऐसा कोई बयान नहीं दिया कि क्या इंडिया टुडे की जांच की जा रही है या अभी करनी है या इंडिया टुड के इर्द गिर्द जांच के बारे में कोई अन्य विवरण।
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