इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक मोहम्मद नियाज को जमानत दे दी, जिस पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था, जब उसने कथित तौर पर अपने फेसबुक अकाउंट पर 'आई लव यू पाकिस्तान' कैप्शन के साथ पाकिस्तानी झंडे की एक तस्वीर पोस्ट की थी। [मोहम्मद नियाज बनाम यूपी राज्य]।
एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश त्रिपाठी ने मामले के गुण-दोष पर कोई विचार व्यक्त किए बिना नियाज को जमानत दे दी।
अदालत ने कहा, "विद्वान अधिवक्ता को सुनने और अभिलेख के परिशीलन तथा अभियुक्त की संलिप्तता, सजा की गंभीरता के साथ-साथ तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता पर विचार करते हुए, इस स्तर पर मामले के गुण-दोष पर कोई विचार व्यक्त किए बिना, इस न्यायालय का मत है कि यह जमानत के लिए उपयुक्त मामला है। अत: जमानत अर्जी मंजूर की जाती है।"
नियाज पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह) के तहत इस आधार पर मामला दर्ज किया गया था कि उन्होंने पाकिस्तान के झंडे का समर्थन किया और उसे पोस्ट किया। वह 27 अक्टूबर 2021 से जेल में था।
पुनीत कुमार नामक व्यक्ति की शिकायत पर नियाज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिन्होंने आरोप लगाया कि आवेदक ने अपनी फेसबुक आईडी पर आई लव यू पाकिस्तान लिखा है।
आवेदक के वकील ने तर्क दिया कि वह निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि आवेदक ने फेसबुक के माध्यम से पड़ोसी देश के झंडे का समर्थन और पोस्ट किया। इसके अलावा, यह प्रस्तुत किया गया था कि वह श्रमिक वर्ग से संबंधित है और उसने कभी भी कोई सामाजिक अशांति पैदा करने की कोशिश नहीं की।
दूसरी ओर, अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता ने जमानत के लिए प्रार्थना का विरोध किया, लेकिन अभियुक्तों के वकील द्वारा की गई अन्य दलीलों पर विवाद नहीं किया।
इसलिए कोर्ट ने जमानत देना उचित समझा।
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