पश्चिम बंगाल बार काउंसिल तीन नए आपराधिक कानूनों के खिलाफ 1 जुलाई को काला दिवस मनाएगी

ये कानून भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे तथा 1 जुलाई से लागू होंगे।
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पश्चिम बंगाल बार काउंसिल ने बुधवार को सर्वसम्मति से तीन नए आपराधिक कानूनों - भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 के विरोध में 1 जुलाई को 'काला दिवस' के रूप में मनाने का संकल्प लिया।

ये कानून भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे और 1 जुलाई से लागू होंगे।

यह प्रस्ताव 25 जून को आयोजित बार काउंसिल की बैठक में पारित किया गया था, जिसमें काउंसिल के सदस्यों ने नए आपराधिक कानूनों के बारे में अपने सर्वसम्मत विचार व्यक्त किए और कहा कि तीनों कानून जनविरोधी और अलोकतांत्रिक हैं और इससे आम आदमी को भारी परेशानी होगी।

इसने पश्चिम बंगाल और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के सभी बार एसोसिएशनों के अध्यक्षों से न्यायिक कार्य से विरत रहने और 1 जुलाई को विरोध रैलियां आयोजित करने को भी कहा है।

प्रस्ताव में कहा गया है, "सर्वसम्मति से संकल्प लिया गया कि भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के विरोध में यह परिषद 1 जुलाई 2024 को 'काला दिवस' के रूप में मनाएगी और पश्चिम बंगाल तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के वकील उस दिन अपने न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे तथा सभी बार एसोसिएशन 1 जुलाई, 2024 को अपने-अपने संघ में विरोध रैली आयोजित करेंगे।"

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West Bengal Bar Council to observe July 1 as Black Day against three new criminal laws

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